यदि सूर्य, मंगल, राहू, शनि व केतु संतान के प्रतिबंधक हो तो अपने कुल देवता की शास्त्रोक्त रीति से पूजा कर पितर बाधा शांत करना श्रेयस्कर रहता है। यदि संतान प्राप्ति में बुध, गुरु व नवमेश बाधक हो तो धार्मिक अनुष्ठान से शीघ्र फल प्राप्त होता है। यदि इन पर सौम्य ग्रहों की दृष्टि हो तो भी धार्मिक अनुष्ठान फलदायी होते हैं।
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