विक्रम संवत् :- 2081
संवत्सरः- कालयुक्त
शक:- 1946
अयन:- याम्यायनं
गोल:- सौम्यगोल:
पंञ्चाङ्ग महीना:- कार्तिक
पक्ष:- कृष्णपक्ष:
ऋतु:- शरदऋतु:
तिथि:- प्रतिपदा दिन 3:16 तक
वार:- शुक्रवार
नक्षत्र:- अश्विनी दिन 4:19 तक
योग:- वज्र रात्रि 1:40 तक
करण:- 1• कौलव दिन 3:16तक
2• तैतिल रात्रि 2:7तक
सूर्यास्त:- सायंकाल 5:42पर
वार्षिक समयशुद्धि एवं भौमादिग्रहाणाम् वक्र-मार्ग-उदयस्तादि निर्णयः :- * वैशाख कृष्णपक्ष त्रयोदशी चन्द्रे गुर्वस्तः प्रतीच्यां। दिनांक 6/5/2024 को रात्रि 11:02 पर * ज्येष्ठ कृष्णपक्ष द्वादशी चंद्रे गुर्वोदयः। दिनांक 3/6/2024 प्रातः 7:01 पर * वैशाख कृष्णपक्ष में पंचमी चन्द्रे शुक्रास्तः प्राच्यां। दिनांक 29/4/2024 रात्रि 11:14 पर * आषाढ कृष्णपक्ष सप्तमी शुक्रे शुक्रोदयः प्रतीच्यां। दिनांक 28/6/2024 को सायंकाल 5:06 पर * चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी बुधे शुक्रास्तः प्रतीच्यां। दिनांक 19/4/2024 दिन 1:05 पर * चैत्र कृष्णपक्ष अष्टमी शनौ शुक्रोदयः प्राच्यां। 23/4/2024 रात्रि 3/01 पर * वर्षारम्भे कुंभराशौ शनिः, मीने राहुः कन्यायाञ्च केतुः।
चंद्रराशि:- मेष
विविध मुहूर्त:- # दिन 4:19 तक जातकर्म नामकरण शय्यासनाद्युपभोग नववस्त्र धारण औषधिसेवन विपणि व्यापार पश्चिमाम्विहायान्य दिग्यात्रा मुहूर्त
# सर्वार्थसिद्धि योग दिन 4:19 तक
व्रत एवं उपवास:- # कार्तिक मास आरंभ
# अशून्यशयन व्रत
# शुक्रवार व्रत
संवत् २०८१ में शनि ग्रह के साढ़ेसाती और ढ़ैय्या का विचार:- वर्ष के प्रारंभ में शनि ग्रह कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों के लिए शनि ग्रह की साढ़ेसाती तथा कर्क एवं वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि ग्रह की अढ़ैया रहेगा इसलिए उक्त राशि वालों जातकों के लिए शनि ग्रह के दुष्प्रभाव के कारण पारिवारिक परेशानी,आर्थिक तनाव,अनावश्यक धन व्यय, वाद-विवाद होगा और रोग, चोट और वाहन दुर्घटना का भी भय रहेगा।शुभ कार्यों में अवरोध उत्पन्न होगा। अतः शास्त्रोक्त ग्रह शांति का उपाय करके शांति प्राप्त करें..
दैनिक पंचांग विवरण:- आज का पंञ्चाङ्ग मे दिया गया मानक समय(वाराणसी)और विवरण काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रकाशित विश्व पंञ्चाङ्ग के अनुसार है...