(१) विक्रम संवत् :- २०८१
(२) संवत्सरः- कालयुक्त
(३) शक :- १९४६
(४) अयन:- याम्यायनं
(५) गोलः- सौम्यगोलः
(६) पंञ्चाङ्ग महीना:- चैत्र
(७) पक्ष:- शुक्लपक्ष
(८) ऋतु:- वसन्तॠतुः
(९) दिनमान:- घटी ३० | १० पल
(१०) तिथि:- नवमी रात्रि १२:४१तक
(११) वार:- रविवार
(१२) नक्षत्र:- पूषा रात्रि ११:५४ तक
(१३) योग:- वरीयान् दिन २:७ तक
(१४) करण:- १• तैतिल १२:३४ तक
२• गर १२:४२ तक
(१५) अहोरात्र योग:- शुभ
(१६) सूर्योदय:- प्रातः५:५८
(१७) सूर्यास्त:- ६:२
(१८) चंद्रराशि:- धनु
(१९) चन्द्रोदयः- कृष्णपक्ष मे प्रयोजनीय है...
(२०) चन्द्रास्तः-
(२१) विविध मुहूर्त:- पू.षा. भे रिक्तायां रोगविमुक्तस्नान
सर्वार्थसिद्धियोगः रा. २३।५४
(२२) वार्षिक समयशुद्धि एवं भौमादिग्रहाणाम् वक्र-मार्ग-उदयस्तादि निर्णयः :- * वैशाख कृष्णपक्ष त्रयोदशी चन्द्रे गुर्वस्तः प्रतीच्यां। दिनांक 6/5/2024 को रात्रि 11:02 पर
* ज्येष्ठ कृष्णपक्ष द्वादशी चंद्रे गुर्वोदयः। दिनांक 3/6/2024 प्रातः 7:01 पर
* वैशाख कृष्णपक्ष में पंचमी चन्द्रे शुक्रास्तः प्राच्यां। दिनांक 29/4/2024 रात्रि 11:14 पर
* आषाढ कृष्णपक्ष सप्तमी शुक्रे शुक्रोदयः प्रतीच्यां। दिनांक 28/6/2024 को सायंकाल 5:06 पर
* चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी बुधे शुक्रास्तः प्रतीच्यां। दिनांक 19/4/2024 दिन 1:05 पर
* चैत्र कृष्णपक्ष अष्टमी शनौ शुक्रोदयः प्राच्यां। 23/4/2024 रात्रि 3/01 पर
* वर्षारम्भे कुंभराशौ शनिः, मीने राहुः कन्यायाञ्च केतुः।
(२३) सूर्य राशि:- मीने सूर्यः रात्रि 9:19:59 पर
(२४) नक्षत्र(पाक्षिक):- 18|3|2025 ५2 घटी|२९पल रात्रिशेष 5:31 पर उत्तराभाद्रपदे च सूर्यः
(२५) ग्रहचार(दैनिक):- *सूर्य:- कुंभ राशि
*मंगल:- मिथुन राशि
*बुध:- मीन राशि
*वृहस्पति:- वृष राशि
*शुक्र:- मीन राशि
*शनि:-कुंभ राशि
*राहु:- मीन राशि
*केतु:- कन्या राशि
(२६) पंञ्चक विचार:- नहीं है
(२७) व्रत एवं उपवास:- @रविवार व्रत
(२८) राहुकाल:- ५:२ से ६:३३
(२९) संवत् २०८१ में शनि ग्रह के साढ़ेसाती और ढ़ैय्या का विचार:- वर्ष के प्रारंभ में शनि ग्रह कुंभ राशि में होने से मकर, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों के लिए शनि ग्रह की साढ़ेसाती तथा कर्क एवं वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि ग्रह की अढ़ैया रहेगा इसलिए उक्त राशि वालों जातकों के लिए शनि ग्रह के दुष्प्रभाव के कारण पारिवारिक परेशानी,आर्थिक तनाव,अनावश्यक धन व्यय, वाद-विवाद होगा और रोग, चोट और वाहन दुर्घटना का भी भय रहेगा।शुभ कार्यों में अवरोध उत्पन्न होगा। अतः शास्त्रोक्त ग्रह शांति का उपाय करके शांति प्राप्त करें..
(३०) दिशाशूल :- पश्चिम
(३१) दैनिक पंचांग विवरण:- आज का पंञ्चाङ्ग मे दिया गया मानक समय(वाराणसी)और विवरण काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रकाशित विश्व पंञ्चाङ्ग के अनुसार है...